Wednesday, March 10, 2010

भीगी भीगी रात !


उस रात में कुछ बात थी |
उस बारिश में,
उस हवा में,कुछ बात थी |
जब तुम मेरे साथ थी |

शरमाते-शरमाते पकड़ा एक दूजे का हाथ,
पहली बार भीगे थे हम साथ-साथ |
क्या समां था ,क्या नज़ारा ,
प्यारा लग रहा था उस वक्त जहाँ सारा |

वो बारिश का पानी और भीगते हुए हम,
वो ठंडी हवा और सुन्न होते बदन |
उस वक्त आप इतने करीब आ गए,
के साँसे भी टकरा कर गुज़रने लगीं |

कुछ तो था उस रात में,
जो दीवाना कर गया |
और जिंदगी के उस पल को,
यादगार बना गया |


Date: 07/03/10
Location: Hostel, XLRI

Tuesday, March 9, 2010

एक राष्ट्र, एक अभिषाप !!


एक राष्ट्र हुआ करता था,
जिसे हिन्दुस्तान कहा करते थे |
वहाँ सभी लोग मिल कर रहा करते थे |
शिक्षा का भी एक स्तर होता था,
विश्व भर में जिसके चर्चे हुआ करते थे |

सभी वर्ग को समान शिक्षित करने का,
सपना हम देखा करते थे |
एैसे में आरक्षण को उपाय के रूप में सोचा करते थे |
आरक्षण की नियत तब नेक हुआ करती थी,
राजनीत इस मुद्दे पर शुन्य हुआ करती थी |

सोचा नहीं था विषय इतना गंभीर हो जायेगा,
राजनीत के चलते इसका उद्देश्य दम तोड़ जायेगा |
आज आरक्षण दुर्शासन तो शिक्षा द्रोपती नज़र आती है,
अपना मान बचने को वो फिर गुहार लगाती है |
दुर्भाग्य है उसका के कृष्ण की जगह अर्जुन ने ली है,
जिसने यह महाभारत खुद लिखी है |

इन सब का परिणाम आम आदमी के सर आता है,
जो राजनेताओं को कोस भर पाता है |
इस आरक्षण की फिज़ा में घुटन होती है,
यह घुटन आज समाज में महसूस होती है |
जिस वर्ग को उठाना था वो आज भी वहीं है,
आरक्षण के नाम पर बस राजनीत होती है |

Date :11/07/08
Location: Final yr Hostel, MANIT

वो चुलबुली यादें !!

           
I.I.T था मेरा सपना,
AIEEE में selection हुआ अपना,
Counselling के लिये भोपाल आया,
NIT-Bhopal को college के रूप में पाया |
सोचा अंतर इनमें खास ना होगा,
पढ़ेंगे दिल लागा कर,
I.I.T ना होने का आभास ना होगा |
तो पुरे जोश के साथ मैं college आया,
और उस दिन से जीवन में अँधेरा छाया |

Ragging का शुरू में बहुत डर था,
Seniors का भी पूरा कहर था |
Gullu Group हमने विरासत में पाया,
और गुंडा होने का tag लगवाया |
कुछ हो, कहीं हो, दोष हमें मिलता था ,
पर आपने बिना hostel में पत्ता ना हिलता था |
चार महीने में ऎसी बनी image,
जैसे Media दे रहा हो गड़रिया को coverage |
पढ़ने का पूरा जोश ठंडा होता चला गया ,
NIT-B की फिज़ा में मैं खोता चला गया |

लड़कियों मैं 12th तक कोई रूचि नहीं थी,
पर college में जीने की और कोई वजह नहीं थी |
शुरू में सउदी अरेबिया बहुत भाया,
फिर senior बैच पर ध्यान लगाया |
लड़कियों का चक्कर तो बस चला जा रहा है,
तभी तो कॉलेज में time pass हो पा रहा है |

Computer Science थी अपनी ब्रांच ,
तो सोचा Microsoft में मारेंगे सीधा chance |
जीवन की ऐसी होगी शुरुआत,
के सभी लेंगे हाथों-हाथ |
पर ये क्या ? जनता TCS से आगे बढती नहीं,
गलती जनता की नहीं,
हमारे TPO की किसी और कंपनी से बनती नहीं |
और Microsoft भी यहाँ आ कर क्या करेगी,
लड़कों से तो test में एक problem ना हिलेगी |
college बहुत अच्छा है सब मानते हैं ,
वह तो हम हैं जो 1st year के बाद C नहीं जानते हैं |

जीवन में एक दिन कुछ कर ही जायेंगे,
माता मंदिर से आगे बढ़ ही जायेंगे |
क्यूंकि Top floor में अपने भी दिमाग है,
आज भी दिल में कुछ कर गुज़रने की आग है |
देखेगी ये दुनिया सारी,
NIT-B के लड़के ने है बाज़ी मारी |
पढ़ाई तो हो जाती है, जीवन जीना जानिए,
NIT-B में आइये और दुनिया को पहचानिए |
तभी तो होगा जीवन सफल,
और कह सकूंगा गर्व से ,
NIT-B के विशाल वृक्ष का मैं भी हूँ एक फल |

Date :27/11/06
Location : Hostel No. 4(2nd yr) ,Maulana Azad National Institute of Technology, Bhopal (former name: MACT)

Here is narrative from a recent event.