Tuesday, July 27, 2010

हे युवा!!!!!

वृद्ध अवस्था में पिता ने पुत्र को है पुकारा ,
अस्वस्थ है शरीर और वक्त का है वह मारा |
कहराने से उसकी पीड़ा का प्रतीत होता है ,
चहरे पर चिंता का भाव स्पष्ट होता है |

पुत्र कहीं दूर सांसारिक सुखों में है लीन ,
या हो रहा है माया जाल का आधीन |
सेवा पिता कि वह भी है करना चाहता ,
व्यस्तता के चलते समय नहीं दे पता |

भारत रूपी पिता आज हमारे सामने खड़ा है ,
देश का जवान सब होते देख रहा है |
महत्वकान्षाएं अनेक पर स्वयं को समर्पित हैं,
युवा आज का न जाने कहाँ भर्मित है |
भूल रहा है के उसका अस्तित्व ही कहाँ रह जायेगा ,
जब एक दिन यह राष्ट्र ही मिट जायेगा |

भुखमरी, भ्रष्टाचारी का सभी को है आभास ,
चिंता भर से काम ना होगा उठानी होगी आवाज़ |
शक्ति को हमें अपनी आज पह्चान्ना होगा ,
नए भारत का निर्माण हमें ही करना होगा |
जहाँ भारत से राज्य नहीं, राज्यों से भारत होगा |
जब युवा हमारे देश का उठ खड़ा होगा |
TIME: FEB,2009

Thursday, July 22, 2010

वक्त-वक्त की बात है .......

वक्त-वक्त की बात है,
लेकिन आज वक्त किसके पास है |
किसी ने भारत को सोने की चिड़िया कहा था |
चिड़िया तो उड़ चुकी है,
गिद्दों कि पकड़ अब बन चुकी है |
जो आज नेता बन बैठे हैं,
देश को चिड़िया-घर बनाने में जिनकी मुख्य रूचि है |
वक्त-वक्त की बात है,
लेकिन सोचने के लिए आज वक्त किसके पास है |

भारत में ही कबीर,
तुलसीदास जैसे साधू-संत हुआ करते थे |
आज तो इनकी शिक्षा भी लगभग उखड़ चुकी है |
स्वामी नित्यनंद जैसों से यह धरती लद चुकी है |
वक्त-वक्त की बात है,
लेकिन सोचने के लिए आज वक्त किसके पास है
 

गाँधी जी ने कड़े संघर्ष से आज़ाद कराया था |
अंग्रेज़ों से भारत का दामन छुड़ाया था |
सोचा राष्ट्र होगा चार धर्मों से चतुर्भुज,
आज तो जैसे बिखर रहा है सब-कुछ |
क्या एैसे भारत के लिए किया था इतना-कुछ ?
वक्त-वक्त की बात है,
लेकिन आज वक्त किसके पास है |

हे ईश्वर! अब आप ही किसी महात्मा को वक्त दीजिए ,
या स्वयम किसी रूप में अवतार लीजिए |
अब भारत को इन बिमारियों से मुक्ति दीजिए |


LOCATION : Home
TIME : 2005, one of my 1st few poems :)

Monday, July 12, 2010

कुछ कमी है.....


कुछ कमी है............
दूर हो कर भी वो यहीं कहीं है |
मेरे दिल की आवाज़,
क्या उसने सुनी है?
कुछ बात है,
जो कही-अनकही है |
वो मेरे ख्वाबों,
खयालों में रमी है |
कुछ कमी है............
दूर हो कर भी वो यहीं कहीं है |

जिंदगी की रफ्तार भी,
कुछ थमी है |
रिश्ता है दोस्ती का,
बंदगी भी नहीं है |
जाने-अनजाने में,
वो कुछ खास बनी है |
कुछ कमी है............
दूर हो कर भी वो यहीं कहीं है |

हमारी कहानी,
नयी तो नहीं है |
हर धड़कन की यह,
पहेली बनी है |
इस पहेली में कही खुशी,
तो दर्द कहीं है |
एक एहसास है,
पर शायद उसे नहीं है |
कुछ कमी है............
दूर हो कर भी वो यहीं कहीं है |

Date:21|12|2006

Saturday, July 10, 2010

प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार !


प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |
कभी  न पड़ना इसके चक्कर में यार ,
बड़े  खतरनाक इसके हथियार ,
सीधा  होता है दिल पर वार |
 प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |

शरीर पर लगे तो तू संभल जायेगा,
एक बार फिर से चल-फिर पायेगा |
मगर जो चोट दिल पे लगी ,
जीते जे प्यारे सीधा ऊपर जायेगा |
प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |

दिल तो है मासूम ,
दिमाग को है सब मालूम |
प्यार में जब भी दिल धड़कता है ,
दिमाग हर-दम बचाने के लिए कूद पड़ता है |
पर दिल कहाँ किसी की सुनता है ,
और अपना कफ़न खुद ही बुनता है |
प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |

मेरी  सलाह जानिए ,
इस दुनिया को पहचानिये ,
दिमाग कि सुनिए ,
और हर लड़की को अपना मानिए |
वरना सारा समय निकल जायेगा ,
दिल प्यार के चक्कर में रोता रह जायेगा |
छोटा सा जीवन है ,
इसे  हंस कर बिताना है |
 तो सोच लीजिए प्यार के चक्कर में नहीं आना है |
क्युकि........प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |

Date: 26|11|2006 

फांसले .....

दिलों की दूरी नापते हैं फांसले |
कभी घट जाते,
कभी बढ़ जाते हैं फांसले |
कभी पास हो कर भी दूर कर देते हैं फांसले |
कभी आँखों को नम,
दिल को गम देते हैं फांसले |
पैमाना नहीं कोई,
जो नाप सकें यह फांसले |
पर रिश्तों की गहरायी का,
पैमाना हैं यह फांसले |
दास्ताँ है अधूरी,
क्युंकी दरमियाँ हैं कुछ फांसले ......

Date : Jan, 2007