प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |
कभी न पड़ना इसके चक्कर में यार ,
बड़े खतरनाक इसके हथियार ,
सीधा होता है दिल पर वार |
प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |
शरीर पर लगे तो तू संभल जायेगा,
एक बार फिर से चल-फिर पायेगा |
मगर जो चोट दिल पे लगी ,
जीते जे प्यारे सीधा ऊपर जायेगा |
प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |
दिल तो है मासूम ,
दिमाग को है सब मालूम |
प्यार में जब भी दिल धड़कता है ,
दिमाग हर-दम बचाने के लिए कूद पड़ता है |
पर दिल कहाँ किसी की सुनता है ,
और अपना कफ़न खुद ही बुनता है |
प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |
मेरी सलाह जानिए ,
इस दुनिया को पहचानिये ,
दिमाग कि सुनिए ,
और हर लड़की को अपना मानिए |
वरना सारा समय निकल जायेगा ,
दिल प्यार के चक्कर में रोता रह जायेगा |
छोटा सा जीवन है ,
इसे हंस कर बिताना है |
इसे हंस कर बिताना है |
तो सोच लीजिए प्यार के चक्कर में नहीं आना है |
क्युकि........प्यार प्यार प्यार, ये बातें सब बेकार |
Date: 26|11|2006
9 comments:
kavi ka sandesh to hum tak pahunch gaya par yeh batao ki achanak aise vichaar kis kaaran uttpann hue hain....... nice poem nyways :)
हकीकत को बयां करती कविता! पता नहीं लेखक की कल्पना है या अनुभव? अच्छा लिखा है!
aap jeevan ki talkh sachchaiyon ko kah rahe hain.aapka kavitabhara man aapki hifazat karega.mujhe achchha laga apse judkar.
बहुत सुन्दर. मानित से स्नातक हुए एक युवा से हमें कविता की उम्मीद नहीं थी.
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
थोड़ा रंग संयोजन सही कर लीजिये ।
GG, a nice post once again! Touched my heart and soul...
@ all: आप सभी के सुंदर टिप्पणियां के लिए धन्यवाद |
@ PN Subramanain: मानित से स्नातक कविता नहीं लिख सकते एैसा क्यूँ सोचते हैं आप ?
Bahut achcha.
nice....
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